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Uttarakhand

Himanshu Pathak's Writings - Pahadi Log

अग्निवीर – दुश्मन की एक गोली, जब सैनिक के सीने, में, थी लगी। Poem by Himanshu Pathak

दुश्मन की एक गोली, जब सैनिक के सीने, में, थी लगी। लहू के फव्वारे के संग, उसके जज्बातों की भी, थी, झड़ी लगी। माँ का… Read More »अग्निवीर – दुश्मन की एक गोली, जब सैनिक के सीने, में, थी लगी। Poem by Himanshu Pathak

Baakhlee Hotel

संयुक्त परिवार की सुखद सार्थकता पर आधारित एक पहल – बाखली

ग्रामीण परिवेश मे बाखली एक उपक्रम मात्र था जिसे परिभाषित करने की आवश्यकता के समय की माग है| एक बहुत बड़े पट आगन के पीछे… Read More »संयुक्त परिवार की सुखद सार्थकता पर आधारित एक पहल – बाखली

Apun Pahada - Pahad se

इस पहाड़ ने क्या-क्या देखा है… Beautiful poem by Kartik Bhatt

इस पहाड़ ने क्या-क्या देखा है.. नदियों को निकलते देखा है… पानी को फिसलते देखा है.. ज़रूरतों का आभाव भी देखा है… पलायन का घाव… Read More »इस पहाड़ ने क्या-क्या देखा है… Beautiful poem by Kartik Bhatt

Lost in Life, Come Back

लौटने की तैयारी.. जीवन यात्रा में | Poetry by Mohan Negi

मैं मोहन नेगी आज आप के साथ अपनी कुछ  यादों के लम्हों को “पहाडी लोग” ब्लॉग के द्वारा कहने की कोशिश कर रहा हूँ। हम… Read More »लौटने की तैयारी.. जीवन यात्रा में | Poetry by Mohan Negi