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Pahadi Log

Apun Pahada - Pahad se

इस पहाड़ ने क्या-क्या देखा है… Beautiful poem by Kartik Bhatt

इस पहाड़ ने क्या-क्या देखा है.. नदियों को निकलते देखा है… पानी को फिसलते देखा है.. ज़रूरतों का आभाव भी देखा है… पलायन का घाव… Read More »इस पहाड़ ने क्या-क्या देखा है… Beautiful poem by Kartik Bhatt

Lost in Life, Come Back

लौटने की तैयारी.. जीवन यात्रा में | Poetry by Mohan Negi

मैं मोहन नेगी आज आप के साथ अपनी कुछ  यादों के लम्हों को “पहाडी लोग” ब्लॉग के द्वारा कहने की कोशिश कर रहा हूँ। हम… Read More »लौटने की तैयारी.. जीवन यात्रा में | Poetry by Mohan Negi

Kartik Bhatt - Writer @ Pahadi Log

फिर जवानी नीचे भागती है, और बुढ़ापा ऊपर बैठा बस राह तकता है | poem by Kartik Bhatt

वो जो देखा था हमने एक सपना, कि कैसा होगा अलग प्रदेश अपना.. वो सपना रोज़ टूटता हैं, जब गाँव किसिका छूटता… जब मजबूरियाँ किसी… Read More »फिर जवानी नीचे भागती है, और बुढ़ापा ऊपर बैठा बस राह तकता है | poem by Kartik Bhatt