प्रकृति की गोद में बसा हिमालय की पहाड़ियों से सटा एक ऐसा आश्रम (Dol Ashram) जो उत्तराखंड की संस्कृति और सभ्यता को संजोए हुए है। जिसकी सुन्दरता पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लॉक में स्तिथ हरे भरे जंगलों के बीचों बीच एक शांत वातावरण में पूरी तरह प्रकृति से जुड़ा हुआ है। डोल आश्रम के बारे में सोचने भर से ही मन शांत हो जाता है। यहां पहुंचने पर एक अलग ही एहसास होता है।
घने जंगलों के बीच बसा यह आश्रम आपको प्रकृति की ओर अधिक लगाव का अनुभव कराता है। आस पास के माहौल में चिड़ियों की मधुर आवाज़ मन को मोहित कर देती है। आसपास के वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का आवरण हमेशा बना रहता है।
विश्व का सबसे बड़ा श्री यन्त्र
डोल आश्रम (Dol Ashram) में लगभग 125 फुट ऊंचे तथा 75 मीटर त्रिज़्या का श्रीपीठम का निर्माण हुआ है जिसमे 1.5 टन वजनी श्रीयंत्र की स्थापना की है। यह श्री यंत्र दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे भारी यंत्र है जिसकी ऊंचाई 3 फुट से ज्यादा है।
आश्रम (Dol Ashram) का संचालन
डोल आश्रम के मुख्य महंत बाबा कल्याण दास जी (Baba Kalyan Das) है। जिनका आश्रम के प्रति योग साधना के प्रसार में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। यह आश्रम एक अन्य नाम से (श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा – डोल) भी जाना जाता है। यह एक आश्रम मात्र ही नहीं बल्कि एक योग साधना का केंद्र भी है यह लोग देश विदेश से योग साधना करने के लिए आते है। आश्रम में अनेक तरह की सुविधाएं उपलब्ध है जिसमे रहने कि उचित व्यवस्था भी है। साथ ही ध्यान करने वालो के लिए एक मेडिटेशन हॉल भी है।
शिक्षण संस्थान (Teaching Center) – Dol Ashram Almora
आश्रम में शिक्षा की प्राचीन पद्धति वर्तमान में भी सुचारू रूप से चलती है। यहां पर संस्कृत भाषा में कक्षा 12 तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। साथ ही अन्य भाषाओं को भी पढ़ाया जाता है। साथ ही आधुनिक युग के साथ चलते हुए कम्प्यूटर का ज्ञान भी दिया जाता है। आश्रम जहां हमारी सभ्यता और सस्कृति को जीवित रखने का काम कर रहा है वहीं विद्यार्थियों को आधुनिक युग से जुड़ी सारी तकनीकियों की भी जानकारी से रूबरू कराता है।