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Himanshu Pathak's Writings - Pahadi Log

अग्निवीर – दुश्मन की एक गोली, जब सैनिक के सीने, में, थी लगी। Poem by Himanshu Pathak

दुश्मन की एक गोली, जब सैनिक के सीने, में, थी लगी। लहू के फव्वारे के संग, उसके जज्बातों की भी, थी, झड़ी लगी। माँ का… Read More »अग्निवीर – दुश्मन की एक गोली, जब सैनिक के सीने, में, थी लगी। Poem by Himanshu Pathak

Himanshu Pathak's Writings - Pahadi Log

 “कुसुम दी” – हिमाँशु पाठक जी की कलम से

कुसुम दी सुबह के समय बरसात के मौसम में, मैं अपने बरामदें में बैठकर, सुबह समाचार-पत्र में खोया हुआ था। बाहर बारिश हो रही थी,… Read More » “कुसुम दी” – हिमाँशु पाठक जी की कलम से