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Jyoti Joshi

Himanshu Pathak's Poem

अतीत के पथ पर – हिमाँशु पाठक जी की कलम से

फुरसत के क्षण हैं। चलो! चलते हैं, सैर पर, अतीत के पथ पर। जहाँ होंगी स्मृतियों के, सुगंधित रंग-बिरंगे पुष्प, पग-पग पर, पथ पर। तितलियाँ… Read More »अतीत के पथ पर – हिमाँशु पाठक जी की कलम से

Fooldei Festival 2021 | Pahadi Log

फूलदेई छमादेई – छमादेई फूलदेई आगोछ त्यौआर

फूलदेई एगो छ त्यौआर आज फूलदेई त्यौहारा। देइ पूजण हूँ एगइन नान तिन आज द्वारा। फूलदेई छमादेई द्वार पै अ गइ खुशहाली। हर मुखड़ी में… Read More »फूलदेई छमादेई – छमादेई फूलदेई आगोछ त्यौआर

Welcome Poem | Himanshu Pathak

आओ रे आओ सखी आओ, मंगल गीत गाओ, प्रज्वलित करों मंगल दीप – Welcome Poem by Himanshu Pathak

आगतम, आगतम, आगतम, शुभ स्वागतम। सुस्वागतम्, आगतम, शुभ स्वागतम, त्वम् आगतम आओ रे आओ सखी आओ, मंगल गीत गाओ। प्रज्वलित करों मंगल दीप। तुम तौरण… Read More »आओ रे आओ सखी आओ, मंगल गीत गाओ, प्रज्वलित करों मंगल दीप – Welcome Poem by Himanshu Pathak

Chandra Singh Raahi, Uttarakhand Music

उतराखंड लोकगीत का पितामह। चंद्र सिंह राही

“फ्वा बाघा रे”,”चैत की चैत्वाल” इन दोनो लोकगीत की धुन उत्तराखंड के हर घर मैं गूंजती है। पर इनकी पहचान इनके रीमेक से ज्यादा मिली… Read More »उतराखंड लोकगीत का पितामह। चंद्र सिंह राही

Pahadi Log, Migrate Image Issue

पहाडों मैं कई गाँव तो भूतिया घोषित हो चुके है, जहाँ जाने मै भी लोग डरने लगे है

रोजगार की समस्या से झूझते हुए पहाड़ के घरों में लटकते ताले और गाँव में दूर दूर तक फैला सन्नाटा ये बताने के लिए काफी… Read More »पहाडों मैं कई गाँव तो भूतिया घोषित हो चुके है, जहाँ जाने मै भी लोग डरने लगे है

Kundi, Pahadi Log a Poem by Swati Yarso

उस एक पल दहक सी गयी जब कुंडी ने अपना ही काम किया… a Poem by Swati Yarso

उस एक पलदहक सी गयीजब कुंडी नेअपना हीकाम किया | कितना भयावह हैकुछ घंटों के लिएअनचाहेबंदी बन जाना | बंद गुसलखाना मेंबंदीकोई और भी हैजिन्हें… Read More »उस एक पल दहक सी गयी जब कुंडी ने अपना ही काम किया… a Poem by Swati Yarso