नोटबंदी से भी बड़ा बिल आ चुका है शायद लोगों को पता तक नहीं है यह बिल अभी तक का सबसे क्रांतिकारी बिल है जो 70 सालों के अंदर आया है और अभी तक की बनाई सारी की सारी व्यवस्था को पूरी तरीके से बदल कर रख देगा। जो पूरे देश को सीधे तौर पर असर डालेगा।
जिस बिल की बात कर रहे है उसको हम कमीसन बंदी भी बोल सकते है। यह बिल किसानों के पक्ष में है जिस से किसानों को काफी लाभ होगा। जिस से किसान को उसकी फसल की पूरी कीमत मिलेगी। बता दे आज तक की जो व्यस्था थी उसमें किसानों तथा आम जनता के बीच आढ़त होता था जो फल तथा सब्जियों के दाम तय करते थे। लेकिन अब सरकार ने जो बिल पास किया है उसमें किसानों को बिचोलियों से मुक्त कर दिया है।
अब किसान को अपने फसल की कीमत तय करने का अधिकार मिल गया है।जिस से किसान को उसकी लागत औऱ मुनाफा दोनो सीधे तौर पर होगा। जिसमे अगर किसान ठेली लगाकर बेचता भी है तो यह अब गैर कानूनी नही माना जायेगा। जिस मे कई बार कानून के रखवाले ठेली वालों से मुफ्त की सब्ज़ी लेना या फिर हफ्ता वसूली जैसे कामो को अंजाम देते थे लेकिन अब ऐसा नही होने वाला इस बिल के माध्यम से ठेली लगाना गैरकानूनी नही रहेगा।
बीते कई सालों मैं लाखों किसानों ने आत्महत्या की है इस बिल से किसानो को कुछ न कुछ राहत जरूर मिलेगी।किसानों को उनकी लागत के दाम तो कम से कम मिलेगा ही। पिछली व्यस्थाओं में होता ये था कि किसान मंडी जाता था जहाँ पर उसको लगता था कि उसके तय किये दाम मिलेंगे लेकिन ऐसा नही हो पाता था परिस्थितियों के हिसाब से कई बार किसान को लागत से नीचे सब्जियों को बेचना पढ़ जाता था।
साथ ही इस बिल में सरकार ने MSP भी फिक्स किया हुआ है।
पहले जो व्यस्था थी कि बड़े बड़े मॉलों में जो समान जाता था वो भी मंडी से ही होकर जाता था अगर किसान सीधे तौर पर मॉलों मे बिक्री करे तो यह गैर कानूनी था जिसमे आढ़ती सिर्फ कमीसन लेते और किसान को उसका मुनाफा कम होता था लेकिन इस बिल के माध्यम से किसान सीधे अपनी फसल तथा फल सब्जियों को कही भी बेच सकता है। जिसमे अब बड़ी कंपनियां सीधे किसान से फसल खरीद सकती है।
लेकिन देखा जाए तो यह बिल कितना कारगर सिद्ध होगा इसका अंदाज़ा आने वाले कुछ सालों मैं ही लगाया जा सकेगा। हो सकता है कि इस से जनता को कुछ असर पड़ेगा जैसे अलग अलग जगहों पर अलग अलग दाम देखने को मिल सकता है साथ ही अगर बड़े बड़े मॉल सीधा किसानों से फल सब्जियां लेंगे तो लोकल बाज़ारों मे पूर्ति कम होने से दामो में उतार चड़ाव देखने को मिल सकते है।