जिस पुल की हम बात कर रहे है वो है गढ़वाल के टिहरी जिले में स्थित टिहरी डैम पर बना डोबरा चाँठी पुल (Dobra Chanti Bridge) जो प्रताप नगर और टिहरी को जोड़ने वाला झूला पुल है। पुल की लम्बाई 440 मीटर है इस पुल के बन जाने से लगभग 3 लाख की आबादी वाला क्षेत्र प्रताप नगर तथा लमगांव के लिए संजीवनी साबित होगा बस कुछ ही दिनों में यह पुल जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। यह पुल टिहरी डैम (Tihri Dam) के उपर लगभग आधे किलोमीटर लंबा सिंगल लेन झूला पुल है। जिस पुल का निर्माण कार्य 2006 से प्रारंभ हो गया था जिसको बनने में लगभग 15 साल लग गए इसके निर्माण में अनेक बाधाएं आई 2008 में कार्य रुक गया, फिर 2010 में भी, फिर 2016 में इसका काम सुचारू रूप से हुआ जिसको साउथ कोरिया के इंजीनियरों ने अंज़ाम दिया। इस पुल के मॉडल का प्रस्ताव आईआईटी रुड़की और आईआईटी खड़कपुर को भी भेजा गया लेकिन इन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए इनकार कर दिया।
ग्लोबल टेंडर होने के कारण इसका काम साउथ कोरिया के इंजीनियरों को मिला जिसको धरातल पर उतारा गया। जिसकी लागत 150 करोड़ है। इस पुल को पूरा करने की तिथि मार्च 2020 थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से पूरा नहीं हो पाया। पुल का निर्माण पूरा होने से आसपास के लोगों में काफी उत्साह है । पुल से झील का नज़ारा देखने को बनता है। जहा टिहरी से प्रताप नगर की दूरी लगभग आधी हो गई है।
पर्यटक के लिए (Dobra Chanti Bridge for Tourists)
पर्यटन की दृष्टि से भी इसको काफी पसंद किया जा रहा है | लोग आकर इस पुल की सुंदरता को अपने फोन में कैद कर रहे है। वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी यह पुल कारगर साबित हो सकता है वहीं पहाड़ी गानों की शूटिंग तथा पर्यटन को लुभाने में भी कारगर सिद्ध हो सकता है। यह पुल महज दूरियों को ही कम नहीं कर रहा साथ में रोजगार के अवसर भी ला रहा है।
क्या खास होगा डोबरा चाँठी (Dobra Chanti) पुल के बनने से
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- पास के ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा
- फिल्म जगत की एंट्री
- वॉटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा