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जाने सूर्य को जल अर्पण का सही तरीका | Offer Water to Sun

Offer water to Sun - Pahad se

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूर्य को जल चढ़ाने (Offer Water to Sun) से होने वाले लाभो के बारे मे बहुत सारी बाते है। लेकिन क्या है सही तरीका सूर्य को जल चढ़ाने का आइये जानते है।

सूर्य को जल चढ़ाने (Offer Water to Sun, Lord Surya) का सही तरीका

सूर्य को जल चढ़ाने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही बिस्तर त्याग दे उठने के बाद स्नान करें, स्नान के बाद तांबे के लोटे से जल चढ़ाये जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर हाथों को सर से ऊपर रखना चाहिए।

ध्यान रहे जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को जरूर देखना है जिसमे आपको सात रंग देखने है। जिस प्रकार बरसात और सूर्य की रोशनी मैं इन्द्र धनुष बनता है।

हमेशा ही जल चढ़ाते समय ध्यान रहे कि सूर्य ठीक आंखों के सामने हो कुछ लोग सूर्योदय के काफी बाद जल चडाते है जो कि फायदेमंद नही होता | जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र “ऊँ सूर्याय नम:” का जाप करना चाहिए तथा जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा करनी है।

सूर्य को जल चढ़ाने के फायदे (Importance of offering Water to Sun )

वैसे तो लोगो को पता नही रहता कि इस से क्या फायदे है लोग सोचते है कि सूर्य को जल चढ़ाते रहो सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। जरा सोचो भला सूर्य इतनी दूर है और हम पानी जमीन पर गिराते है और हमारी परेशानियां कैसे दूर होंगी। आइये इसको ऊर्जा के निमयों से समझते है।

हमारे शरीर मे सात चक्र होते है जो पूरे शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करते है जिन्हें जो निम्न सात रंगों से व्यक्त की जाती है।

  • सहस्त्रार चक्र (बैगनी)
  • आज्ञा चक्र (नीला)
  • विशुद्ध चक्र (आसमानी)
  • अनाहत चक्र (हरा)
  • मणिपुर चक्र (पीला)
  • स्वाधिष्ठान चक्र (नारंगी)
  • मूलाधार चक्र (लाल)

ये सभी रंग भी सूर्य की किरणों मैं भी निकलते है जो सीधा हमारे शरीर मे पड़ते है हर एक चक्र सूर्य से आने वाली किरणों के रंगों की ऊर्जा को समेट लेते है और हमारे शरीर को अपार ऊर्जा मिलती है। रात भर जब सूर्य नही होता तब हमारे शरीर से धीरे धीरे ऊर्जा कम होने लगती है हमको सिर्फ वही ऊर्जा बच पाती है जो हम भोजन से लेते है। लेकिन शरीर मे ऊर्जा के संचरण का काम ये सातों चक्र ही करते है जिस से हमारे पूरे शरीर मे ऊर्जा का समावेश होता है जो हमको सही निर्णय लेने तथा मन को शांति प्रदान करते है।

जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा क्यो करते है ?

सूर्य को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।

इसके पीछे भी ऊर्जा संरक्षण का नियम लागू होता है। जैसे ही हम जल चढ़ाते है तो हमारे शरीर मैं सूर्य की किरणों से ऊर्जा मिलनी सुरु होती है वह ऊर्जा चारों ओर फैलने लगती है इस ऊर्जा को अपने शरीर मैं बनाये रखने के लिए परिक्रमा जरूरी है।