जिस स्थान की हम बात कर रहे हैं वह आज से नहीं द्वापर युग से ही कथाओं पुराणों मै प्रसिद्ध है। हम बात कर रहे है पांडू खोली (Pandukholi) की इसे स्वर्ग पुरी के नाम से भी जाना जाता है। कथाओं के अनुसार पांडव इसी पहाड़ से होते हुए स्वर्ग को गए थे।
स्वर्गपुरी का रास्ता (Way to Heaven at Pandu Kholi)
यह स्थान उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में दूनागिरी के नजदीक पड़ता है द्वाराहाट से 30 किलोमीटर और अल्मोड़ा से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आप इस पहाड़ी की जड़ तक पहुंचोगे इसके बाद सुरु होती है लगभग 5 किलोमीटर की पैदल यात्रा। खड़ी तिरछी पहाड़ी को पार करने के बाद आप एक ऐसे स्थान मै पहुंचते ही जिसकी आपने कल्पना भी ना की हो सांत वातावरण मै चिड़ियों के चहचाने की मधुर आवाज़ आपको एक अलग ही दुनिया मै होने का एहसास दिलाती है। आपको पूरी तरह प्रकृति से जोड़ने वाला यह स्थान प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य की तिरछी किरणे पूरे पहाड़ को सुनहरा बना देती है।
गुफाओं का इतिहास (History of Pandukholi Caves)
जिन गुफाओं का वर्णन द्वापरयुग से किया जाता है आज भी वो गुफाएं अनदेखी है। पहाड़ के उप्पर अगर आप उछलते है तो इसके अंदर से खोखले होने का एहसास होता है। माना जाता है कि इन गुफाओं में प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि लोग ध्यान करते रहे है। मान्यता यह भी है कि द्वापर युग में पांडव जब स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो उन्होंने इन्हीं गुफाओं में शरण ली थी।
आध्यात्मिक चेतना का केंद्र (Spritual Centre)
आध्यात्मिक चेतना से जोड़ने में इस स्थान का विशेष महत्व है योग साधना से जुड़े लोगों के लिए यह चुनिंदा स्थान है।
अगर आप आध्यात्म मै रुचि रखते है तो एक बार पंडुखोली जरूर जाएं।