भला किसको पता था कि कमबख्त ये बिजली भी कुछ होगी जो गांव गांव आएगी और रोशनी लाएगी एक ज़माना था जब मुझको पहाड़ों में सड़क का आना नामुमकिन सा लगता था और जो इसकी बात करता था, मै सबको बेवकूफ बोलता था | भला इन ढलान वाले पत्थरों में कैसे कोई सड़क बन पाएगी। समय बीतता गया और पहाड़ों में सड़कों का विस्तार सुरु हुआ। मेरे लिए यह जादू से कम नहीं लग रहा था | बहुत से लोग होंगे जो इसके साक्षी होंगे जब पहाड़ में पहली बार गाड़ी आई थी लोग दूर दूर से इसको देखने आए थे। तब मेरे मन मै इसके बारे में तरह तरह के ख्याल आने लगे | मै पूछता ये खाता क्या है चलता कैसे है लोगों ने कहा लोहे का घोड़ा है तो मै इसके सामने घास भी डालने लगा क्या पता घास खाता हो। वहीं एक दौर रेडियो का भी आया जो मेरे लिए लिए एक और परेशानी लेकर आया| एक छोटे से डब्बे से तरह तरह की आवाजे निकल रही है कान खीचो तो कभी रोता है कभी हस्ता है कभी गाता है ये कोंन सी बला है भला। फिर जब टॉर्च आया तब भी अचंभा सा हुआ भला मै तो छिल्के जला के उजाला करता हूं और फूक मारने से बुझ जाता है, ये टॉर्च बुझता क्यों नहीं शायद पानी की बाल्टी में डालने से बुझता हो वो भी करके देखा।
समय बीतता गया तकनीकी का नया दौर आया अब समय था टेलीविजन का क्या कमाल की चीज बनाई | साहब इसके अंदर तो सारी दुनिया समाई है। फिर लैंडलाइन फोन आए माथा फिर ठनका मैंने तो सिर्फ बचपन मै माचिस के डब्बों में रस्सी बांध के बात की हुई अब ये हैलो कोन बोल के आया। फिर आया वो दौर जिस से आजकल के बच्चे क्या बूढ़े क्या सभी आदि हो गए है बिना इसके तो जीवन अधूरा सा लगता है। फिर आए स्मार्ट फोन जो आदमी को कुछ समझता ही नहीं, सब कुछ पता है इसको।
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पहाड़ों मै जीवन सुखी है आनंदमय है फिर ये पूरे के पूरे गांव खाली क्यों हो रहे है मैंने बहुत रोका किसी ने एक ना सुनी किसी ने रोजगार बहाना बनाया तो किसी ने बच्चों के भविष्य की पढ़ाई की चिंता जताई| मै बेबस देखता रहा रोकना चाहा कोई ना रुका आज सारे गांव खाली है और मै यही बाते दोहरा के वो राह आज भी देख रहा हूं कब वो गए हुए लोग मुझे वापस आते दिखेंगे कब गांव के घर का चूला जलेगा शहरों मै ऐसी कोन सी रोटी मिल रही है जो यहां के घट की पिसी हुई रोटी से ज्यादा स्वाद है। आंखिर मैंने इतने सालों मै इतना परिवर्तन देखा है जो समान रूप से सभी जगह हो रहा है मुझे छोड़ के जाने वाले एक दिन जरूर आएंगे फिर से तकनीकी का अगला पड़ाव मै देखूंगा जो उन्नत तकनीक होगी और गांव को एक बार फिर से आबाद करेगी फिर से गांवो मै पीपल के पेड़ के नीचे बैठ के लोग आने वाली नई तकनीक के बारे मै चर्चा करेंगे और मै सबको यही बोलूंगा के नहीं ऐसा कहां संभव है बेवकूफ हो आप सबलोग।