पिथौरागढ़ जिले के गाँव तुलानी में रामगंगा नदी के तट पर यह भव्य मंदिर माँ चंडिका मैया (Maa Chandika Ghat Temple Pithoragarh) को समर्पित है । कई देवी देवताओं में से एक दुर्गा माता हैं, जिन्हें भारत के हर हिस्से में पूजा जाता है। दुर्गा पूजा (एक विशाल उत्सव) बंगाल में आयोजित की जाती है, जबकि नवरात्रि उत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है।
इस समय के दौरान, सभी लोग भक्ति से भर जाते हैं और देवता की पूजा करने में खुद को खो देते हैं।
माँ चंडिका देवी मंदिर का वातावरण दिव्य और आध्यात्मिक है। हरे-भरे हरियाली, इसके साथ बहती रामगंगा नदी और चारों ओर एक अद्भुत शांति, जो किसी को भी भक्ति भावना में बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
Celebrated Festivals at Chandika Ghat temple Pithoragarh
चंडिका देवी मंदिर में नवरात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है |
भगवती माता को लोग न्याय की देवी मानते है। इस मंदिर (Chandika Ghat Temple Pithoragarh) तक जाने के लिए पहले लोग सुवालेख से 20 कि.मी. पैदल यात्रा करके माता के भजन तथा जय जयकार करते हुए जाते थे लेकिन अब ग्राम तुलानी तक सड़क मार्ग होने तक यह दुरी अब मात्रा 5 कम की रह गयी है। लेकिन प्रस्तावित सड़क मंदिर तक है।
How to Reach Chandika Ghat (माँ चंडिका घाट)
माँ चंडिका मैया मंदिर तक सीधे आने के लिए कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है|
आपको पिथौरागढ़ से या तो निजी टैक्सी किराए पर लेनी होगी या आपके पास अपना वाहन होना चाहिए और उसके बाद गाँव तुलानी से आपके 3-4 Kms पैदल यात्रा करनी होगी।
यहाँ पर शिवजी का भी मंदिर है तथा प्रतिवर्ष मकर सक्रांति के दिन यहाँ पर मेले का भी आयोजन होता है। यहाँ पर बलि प्रथा का भी विधान परस्पर रूप से होता है। देवी चंडिका माता अपने भक्तों को सारे प्रकोप से रक्षा करती है तथा उन्हें धन – धान्य प्रदान एवं समृद्धि प्रदान करती है।