Skip to content

Facts and Places to visit near Pithoragarh, Uttarakhand

Know more about Pithoragarh

उत्तराखंड राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित बहुत खूबसूरत सा शहर जो नेपाल बॉर्डर से लगा हुआ जिला है। जिसे बहुत से नामो से जाना जाता है | इन्हीं में से एक नाम मिनी कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है। हम बात कर रहे है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले (City Pithoragarh) की जो एक बहुत सुंदर हिल स्टेशन भी है। इसका पुराना नाम शोरवेली (Soar Valley) था, जो बाद में बदलकर पिथौरागढ़ रखा गया।

आइए जानते हैं पिथौरागढ़ के बारे में [Facts about Pithoragarh]

माना जाता है, कि पहले यहां बहुत सारे सरोवर (तालाब) हुआ करते थे जो समय के साथ सूखते चले गए। सरोवरों के सूखने के साथ ही इसका नाम भी इस से छिन गया। पिथौरागढ़ के प्रमुख शासक राय पिथोरा के नाम पर ही इसका नाम पिथौरागढ़ पड़ा। अगर इतिहास की बात करें तो यहाँ पर लंबे समय तक कुमाऊँ के चंद राजवंश का शासन रहा । यहाँ पर एक पुराना किला है, जिसे गोरखाओं द्वारा बनाया गया था, जिसे सिमलगढ़ कहा जाता था । बाद में अंग्रेज़ो ने इसे लन्दन फोर्ट का नाम दिया |

हिमालय पर्वत श्रेणियों से जुड़ा होने के कारण यहां सालभर मौसम सुहाना रहता है। दिसंबर जनवरी माह में यहां आपको बर्फ भी देखने को मिलती है। पिथौरागढ़ शहर चारों और से सुन्दर पहाड़ियों से घिरा हुआ है जो देखने में बहुत ही सुन्दर लगता है। इन सुन्दर पहाड़ियों पर सैलानी ट्रैकिंग कैंपिंग ओर पैराग्लाइडिंग का आनंद लेने आते है। इस जिले में मुनस्यारी जैसा सुन्दर स्थान वह पंचाचुली जैसा कभी ना फतेह किया जाने वाला पर्वत भी शामिल हैं। भारत के उत्तरी भाग में उत्तराखंड राज्य के घाटी मे बसा एक खूबसूरत शहर है। इसकी स्थापना सन्न 1960 मे अल्मोडा जिले को अलग करके की गई थी तथा 1997 में इसकी तहसील चंपावत को इससे अलग कर चंपावत जिला बना दिया गया । यहाँ पर कुल 6 तहसील हैं और 8 ब्लॉक हैं | यह उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल का भाग है । यह चारो और से पहाड़ो से घिरा हुआ है। इस कारण यहाँ का मौसम वर्ष भर सुहावना रहता है। दिसम्बर माह मे यहाँ की पहाड़ियां बर्फ से ढक जाती है।

अब पिथौरागढ़ शहर को अपना हवाई अड्डा, नैनी-सैनी ( Naini Saini Airport) मिलने से यहाँ पर पर्यटन के अवसर भी बढ़ते हुए दिखायी देते है। यहाँ से हवाई सेवा अभी हिंडन एयरपोर्ट तक उपप्लब्ध है लेकिन भविष्य मे इसे और जगह से भी जोड़ा जा सकता है।

यहाँ पर घूमने, ट्रैकिंग, कैंपिंग को पसंद करने वालो के लिए बहुत से स्थान है।

यहाँ के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल (Tourist places in Pithoragarh)

ॐ पर्वत (Om Parvat)

अदि कैलाश और छोटा कैलाश नाम से प्रसिद्ध यह पिथौरागढ़ के सुदूर क्षेत्र में तिब्बत की सीमा पर स्थित है।

ट्रैकिंग के सैलानी यहाँ पर अक्सर आते हैं। इसी के पास खूबसूरत पार्वती सरोवर ताल भी स्थित है।

मिलम ग्लेशियर (Milam Glacier)

पिथौरागढ़ के मुंसियारी तहसील में स्थित यह कुमाऊँ का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। यह ग्लेशियर 16 किलोमीटर लंबा है।

यहाँ जाने के लिए यहाँ के सरकारी दफ्तर से आज्ञा लेनी पड़ती है।

नारायण आश्रम (Narayan Ashram)

नारायण आश्रम जो कि उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। जो बहुत ही सुंदर और आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में इसका निर्माण श्री नारायण स्वामी जी ने किया था। इन्हीं के नाम से आश्रम को जाना जाता है जो कि काली नदी ओर नेपाल बॉर्डर के काफी नजदीक पड़ता है।

हॉट कलिका (Hat Kalika Temple)

माँ कलिका को यहाँ कुमाऊँ में रक्षा की देवी माना जाता है । इस  मंदिर  में नवरात्री के अवसर पर बलि चढाई जाती है। माना जाता है कि रात्रि में अगर माँ के लिए बिस्तर सजा के रख दिया जाये और ताला लगा दिया जाये तोह सुबह देखने पर बिस्तर में सिलवटे देखने को मिलती है। मानो किसी ने  बिस्तर का उपयोग किया हो।

रामेश्वर (Rameshwaram Ghat)

रामेश्वर घाट पिथौरागढ़ से 30 कम दूर सरयू एवं पूर्वी रामगंगा के संगम पर बना हुआ है। इसे एक पवित्र जगह माना जाता है यहाँ पर लोग जनेव संस्कार के लिए आते हैं।

अस्कोट (Askot)

अस्कोट कत्यूरी राजाओं की राजधानी के रूप में हमेशा से प्रसिद्ध रहा है। यह पिथौरागढ़ से 51 किलोमीटर दूर धारचूला रोड पर स्थित है। यही पर कस्तूरी मृग वाला वन्य जीव विहार भी है।

कैलाश मानसरोवर (Kailash Man Sarovar)

यह यात्रा कुमाऊँ मंडल विकास निगम द्वारा कराई जाती है। यह यात्रा पिथौरागढ़ के डोडिहाट से होकर निकलती है तथा धारचूला के विभिन्न जगहों से होते हुए तकलाकोट से कैलाश मानसरोवर पहुचती है।

थलकेदार (Thal Kedar Temple)

प्रकृति की गोद मई बसा यह पिथौरागढ़ से 15 कम दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। इसे छोटा केदार एवं केदार ज्यु के नाम से भी जाना जाता है। महाशिवरात्रि को यह पर विशाल मेले का आयोजन भी होता है।

छिपलाकेदार (Chipla Kedar Temple)

पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील में स्थित यहाँ के लोग इसे केदारनाथ के समान मानते हैं। केदारनाथ की पूजा करने के लिए यहाँ के लोग छिपलाकेदार की यात्रा करते हैं।

ध्वज मंदिर (Dhwaj Temple)

पिथौरागढ़ के डीडीहाट मार्ग पर यह 18 किलोमीटर दूर टोटानौला नामक जगह स्थित है। यहाँ पर पहुँचने के लिए सैलानी कठिन चढ़ाई करते हैं।

तालेश्वर ( Taleshwar)

इसे एक पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है। यह झूलाघाट से थोड़ी दूरी पर कालीगंगा एवं कटपनिगढ़ नदी के संगम पर स्थित है। यहाँ पर लोग जनेऊ संस्कार एवं चूड़ा-कर्म के लिए आते हैं।

असुरचुला मंदिर (Asurchula Temple)

यह पिथौरागढ़ के नजदीक मड गॉव की पहाड़ी पर स्थित है। जो लोग ट्रैकिंग पसंद करते हैं उनके लिए यह 3 – 4 किलोमीटर की यात्रा काफी रोमांचक हो सकती है। असुरचुला के पिथौरागढ़ में तीन मंदिर है जिसमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मड पहाड़ी वाला है तथा बाक़ी के दो घूंसेरी एवं बड़ाबे गाँव में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *